<no title>जब मन चाहा__विधायकों ने दल बदला और मतदाताओं के सिर पर नारियल फोड़ कर पानी पी लिया___
दिव्य चिंतन जब मन चाहा__विधायकों ने दल बदला और मतदाताओं के सिर पर नारियल फोड़ कर पानी पी लिया___ __निजी स्वार्थ, भ्रष्टाचार, अहंकार की कीमत मतदाता क्यों चुकाएं ? भ्रष्ट कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं के प्रवेश से भाजपा के परचम की ऊंचाई घटती जा रही है__ और नाड़े की लंबाई बढ़ रही है___ हरीश…